-
479
Student -
394
छात्राएं -
31
कर्मचारीशैक्षिक: 27
non-academic: 4
परिकल्पना
- के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
उद्देश्य
- शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।

पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय आईटीबीपी, करेरा
उत्पत्ति
पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय आईटीबीपी करेरा की स्थापना 1988 में हुई थी।
विद्यालय हरे भरे पेड़ों के बीच दो प्रभावशाली इमारतों में स्थित हैं
विद्यालय के दृष्टिकोण के बारे में
केवीएस उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और अपने छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास करता है।..
विद्यालय के उद्देश्य के बारे में
शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना,सीबीएसई और एनसीईआरटी आदि जैसे अन्य निकायों के ...
संदेश

आयुक्त, सुश्री प्राची पाण्डेय, आईए & एएस
प्रिय शिक्षकवृंद,
शिक्षक दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
शिक्षक केवल शैक्षणिक मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि बच्चे के भविष्य के निर्माता होते हैं। प्रथम अक्षर लिखने से लेकर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों तक वे धैर्य,सहानुभूति और सहयोग के साथ प्रत्येक कदम पर साथ चलते हैं। वे केवल मस्तिष्क ही नहीं,बल्कि मूल्य,सपने और आकांक्षाएँ भी गढ़ते हैं,जो हमारे राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती हैं।

श्रीमती शाहिदा परवीन
उपायुक्त
प्रिय विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं समस्त केंद्रीय विद्यालय परिवार, सप्रेम नमस्कार। केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग की वेबसाइट पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है। यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल सूचना और संसाधनों का केंद्र है, अपितु यह हमारे साझा शैक्षिक दृष्टिकोण, मूल्यों और प्रयासों का प्रतिबिंब भी है। मुझे यह संदेश साझा करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग, केविसं (मु०) नई दिल्ली के दिशा-निर्देशन में निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के उच्चतम मानदंडों को स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। भारत जैसे विविधता-सम्पन्न देश में शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं है, यह सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों, और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध की भावना का संवाहक भी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना 1963 में भारत सरकार द्वारा इस उद्देश्य से की गई थी कि सैनिकों, अर्धसैनिक बलों, केंद्रीय कर्मचारियों और अन्य स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और एकसमान शिक्षा प्रदान की जा सके। आज KVS न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी शिक्षा की एक सशक्त शृंखला बन चुका है, जिसमें लाखों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और हजारों शिक्षक उन्हें ज्ञान, संस्कार और जीवन के मूल्य सिखा रहे हैं। हमारे देश की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान करती है। यह केवल पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली में सुधार की बात नहीं करती, बल्कि यह समावेशी, बहु-विषयक, और छात्र-केंद्रित शिक्षा की बात करती है। KVS ने NEP 2020 के मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाते हुए कई महत्त्वपूर्ण पहलें प्रारंभ की हैं: • Foundational Literacy and Numeracy (FLN) को प्राथमिक कक्षाओं में लागू करना। • बहु-भाषिकता को प्रोत्साहन देना। • कला एकीकरण (Art Integration) और खेल आधारित शिक्षा (Sports Integration) को कक्षा शिक्षण में समाहित करना। 21वीं सदी के कौशल जैसे कि आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान, रचनात्मकता और डिजिटल साक्षरता पर बल देना। ये सभी प्रयास विद्यार्थियों को न केवल परीक्षा के लिए, बल्कि जीवन के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हमारे कार्यरत शिक्षकगण न केवल ज्ञान के दाता हैं, बल्कि वे एक संरक्षक, मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका भी निभाते हैं। एक शिक्षक की भूमिका अब केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने तक सीमित नहीं रह गई है। वे विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं, उन्हें आत्म-शिक्षण के लिए प्रेरित करते हैं, और एक उत्तरदायी नागरिक के रूप में ढालते हैं। हमारे शिक्षकगण निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और नवाचारों के माध्यम से अपने शिक्षण को अद्यतन और प्रभावी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यालयों में ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं, जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर समर्पित रहते हैं। KVS के विद्यार्थी पूरे देश में अपनी योग्यता, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के लिए पहचाने जाते हैं। विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन, विज्ञान, खेल, कला, और संस्कृति के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ, तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर KVS के छात्रों की उपस्थिति हमें गर्व से भर देती है। हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी की विशेषताओं और रुचियों को समझते हुए उन्हें उस दिशा में अवसर प्रदान किए जाएँ, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकें। विद्यालयों में अब केवल किताबी ज्ञान पर ज़ोर नहीं, बल्कि समग्र विकास (Holistic Development) को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्तमान युग डिजिटल क्रांति का युग है। शिक्षा भी इससे अछूती नहीं रही है। विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान, KVS ने तकनीक को अपनाते हुए ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय पहल की। हमने ई-कंटेंट, वर्चुअल क्लासरूम्स, शिक्षकों द्वारा बनाए गए डिजिटल संसाधन, और स्वयं पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्म्स को प्रभावी रूप से अपनाया। भविष्य में भी हम तकनीक के माध्यम से शिक्षण और अधिगम को और अधिक रोचक, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे विद्यालयों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए ATL (Atal Tinkering Labs), Coding Clubs, Robotics Workshops जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। KVS प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत महत्त्व देता है। विद्यालय प्रबंधन समितियों में अभिभावकों की भागीदारी, विद्यालय स्तर पर खुली बैठकों का आयोजन, और अभिप्राय संग्रहण की प्रक्रिया हमें हमारी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। हम अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वे विद्यालय की गतिविधियों में सक्रिय भाग लें, शिक्षकों से संवाद बनाए रखें और अपने बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करें। KVS का लक्ष्य न केवल अकादमिक उत्कृष्टता है, बल्कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था का निर्माण करना है जो: • विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक बनाए, • उनमें संवेदनशीलता और सहानुभूति का भाव विकसित करे, • उन्हें नवाचार और उद्यमिता की ओर प्रेरित करे, • तथा भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात करते हुए आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाए। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे विद्यालय “ज्ञान, चरित्र और सेवा” के त्रिसूत्रीय मंत्र को आत्मसात करें और एक ऐसे भारत के निर्माण में योगदान दें जो शिक्षित, सशक्त और समृद्ध हो। अंत में, मैं सभी विद्यार्थियों को यह संदेश देना चाहती हूँ कि अपने सपनों को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम, अनुशासन और आत्म-विश्वास को अपना साथी बनाइए। हर चुनौती आपके लिए एक अवसर है, और हर असफलता सीखने की एक सीढ़ी। शिक्षकों से अपेक्षा करती हूँ कि वे विद्यार्थियों के जीवन को मूल्यवान और अर्थपूर्ण बनाने में अपनी भूमिका को दृढ़ता से निभाएँ। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे विद्यालय के साथ मिलकर एक सशक्त भविष्य निर्माण में सहयोग करें। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे शैक्षिक वातावरण का निर्माण करें जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी स्वाभिमानी, सक्षम और संवेदनशील नागरिक बनकर राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सके। धन्यवाद। (शाहिदा परवीन) उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन भोपाल संभाग
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श्री अशोक कुमार सारस्वत
प्राचार्य
केन्द्रीय विद्यालय करेरा का मतलब 'मूल्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' है। यहां के.वी. में. करेरा का ध्यान समग्र दृष्टिकोण पर केंद्रित है, जो बच्चे की पूरी क्षमता को सामने लाकर एकीकृत मानव के विकास की ओर ले जाता है। हमारा प्रयास एक ऐसा माहौल बनाने की दिशा में है जहां हर किसी को अपनी अंतर्निहित प्रतिभा का पता लगाने, नए विचारों के साथ आने और उत्कृष्टता के लिए उच्च स्तर तक प्रयोग करने का अवसर मिलेगा, अपने लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया जाएगा। आप जानते हैं कि प्रयोग के बिना कुछ भी नया नहीं खोजा जा सकता। यदि थॉमस एडिसन अपने प्रयोग बंद कर देते तो वह कभी भी बिजली के बल्ब को उल्टा नहीं करते। तो, नई चीज़ों पर हाथ आज़माने और कुछ नया बनाने की कोशिश करने से ही व्यक्ति अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है। मैं हमेशा अपने छात्रों के लिए 3डी फॉर्मूले की वकालत करता हूं यानी मंजिल, दृढ़ संकल्प और परिश्रम, अगर कोई इन 3डी को अपने जीवन में अपनाता है, तो उसके लिए कुछ भी हासिल करना असंभव नहीं है। “भविष्य कोई ऐसी जगह नहीं है जहाँ हम जा रहे हैं। लेकिन जिसे हम बनाते हैं. सफलता का रास्ता ढूंढा नहीं जाता, बनाया जाता है..../" हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं के साथ। डॉ. दर्शन लाल मीना,
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